रात को दिखने लगी मरी हुई प्रेमिका | Girlfriend Horror Story in Hindi
रात को दिखने लगी मरी हुई प्रेमिका | Girlfriend Horror Story in Hindi
यह कहानी है एक ऐसे लड़के की जिसकी मरी हुई प्रेमिका कई हफ़्तों बाद अचानक उसकी रातों में, उसके कमरे में, और उसके सपनों में वापस आने लगी। पहले उसे लगा यह बस डर या वहम है, लेकिन जैसे-जैसे उसकी झलक और साफ़ होती गई, उसके अंदर एक ही सवाल बार-बार उठने लगा—वो वापस क्यों आई? अगर सब कुछ खत्म हो चुका था, तो उसकी आत्मा फिर से उसके सामने क्यों आ रही थी? और सबसे बड़ा डरावना सवाल—क्या उसे सच में किसी ने मारा था? पढ़िए यह दिल दहला देने वाली girlfriend की horror story 👇
प्यार की शुरुआत
राज शहर के सबसे अमीर घराने का बेटा था। उसके पिता का बड़ा कारोबार था। उनकी कई फैक्ट्रियां थीं, दुकानें थीं। राज की जिंदगी ऐशो-आराम में बीतती थी। महंगी गाड़ियां, बड़ा बंगला, नौकर-चाकर - सब कुछ था उसके पास।
लेकिन राज की जिंदगी में खुशी नहीं थी। उसका दिल खाली था। जब तक उसने नेहा को नहीं देखा था।
नेहा एक साधारण लड़की थी। मध्यम वर्ग के परिवार से थी। उसके पिता एक छोटे दफ्तर में काम करते थे। लेकिन नेहा में कुछ खास बात थी। उसकी सरलता, उसकी मासूमियत, उसका प्यार - यह सब राज को बहुत पसंद था।
कॉलेज में दोनों की मुलाकात हुई। धीरे-धीरे दोस्ती बनी। फिर प्यार हो गया। राज ने पहली बार अपनी जिंदगी में सच्चा प्यार महसूस किया। नेहा के साथ रहकर उसे सुकून मिलता था।
दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। राज ने नेहा से कहा, "मैं तुमसे शादी करूंगा। तुम मेरी जिंदगी हो।"
नेहा खुश हो गई। उसे यकीन था कि राज उससे सच में प्यार करता है।
लेकिन जब राज ने अपने घरवालों को बताया, तो घर में तूफान आ गया।
घर में मचा बवाल और बढ़ता दबाव
राज के पिता ने गुस्से में कहा, "यह शादी नहीं होगी! हम अपने घर में किसी गरीब लड़की को नहीं लाएंगे। तुम्हारी शादी उसी घर में होगी जो हमारे बराबर का हो।"
राज की मां भी रोने लगी। "तुम हमारी इज्जत मिट्टी में मिला दोगे। लोग क्या कहेंगे?"
राज ने बहुत समझाने की कोशिश की। "पापा, नेहा बहुत अच्छी लड़की है। उसमें सारे गुण हैं। बस उसके घर में पैसा नहीं है।"
"पैसा ही सब कुछ है," उसके पिता ने कहा। "अगर तुमने यह शादी की तो मैं तुम्हें अपनी संपत्ति से बेदखल कर दूंगा। तुम सड़क पर आ जाओगे।"
राज परेशान हो गया। उसे नेहा से बहुत प्यार था। लेकिन अपना पूरा आराम, अपनी ऐश की जिंदगी छोड़ना भी आसान नहीं था।
घर में रोज लड़ाई होने लगी। राज के पिता ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। "या तो उस लड़की को छोड़ो, या फिर इस घर को छोड़ो।"
राज के दिमाग में अजीब विचार आने लगे। वो रात भर सो नहीं पाता था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे।
फिर एक रात उसके दिमाग में एक भयानक विचार आया। एक ऐसा विचार जो शैतान भी सोचने से डरे।
उस भयानक रात की योजना
राज ने सोचा - अगर नेहा इस दुनिया में ही न रहे, तो सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। उसे न अपना घर छोड़ना पड़ेगा, न अपना आराम। और सबसे बड़ी बात - नेहा से झूठ बोलने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
शैतान ने उसके दिमाग में यह बात बैठा दी।
राज ने एक योजना बनाई। उसने नेहा को फोन किया। "नेहा, कल शाम मुझसे मिलना। मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है।"
नेहा खुश हो गई। उसे लगा शायद राज ने घरवालों को मना लिया है।
अगली शाम नेहा तैयार होकर निकली। उसने अपनी पसंदीदा लाल सूट पहनी थी। उसके बाल संवारे हुए थे। वो बहुत खुश दिख रही थी।
राज ने उसे शहर से बाहर एक सुनसान जगह पर बुलाया था। पहाड़ी रास्ता था। एक तरफ ऊंची चट्टानें थीं, दूसरी तरफ गहरी खाई।
नेहा अपनी स्कूटी पर सवार होकर वहां पहुंची। राज अपनी गाड़ी में बैठा इंतजार कर रहा था।
जब नेहा उसके पास आई, तो राज की आंखों में एक अजीब सा भाव था। नेहा ने पूछा, "राज, तुम ठीक तो हो? तुम्हारा चेहरा अजीब लग रहा है।"
राज ने कहा, "हां, मैं ठीक हूं। चलो थोड़ा आगे चलते हैं।"
वह दर्दनाक पल जब सब कुछ खत्म हो गया
दोनों पैदल चलने लगे। रास्ता सुनसान था। आसपास कोई नहीं था। सिर्फ पहाड़ों की आवाज और हवा की सरसराहट थी।
नेहा ने राज का हाथ पकड़ा। "राज, तुम मुझे बताओगे नहीं कि क्या बात करनी थी?"
राज रुक गया। उसने नेहा की तरफ देखा। नेहा की मासूम आंखें उसे देख रही थीं। वो आंखें जिनमें सिर्फ प्यार था। सिर्फ भरोसा था।
राज के हाथ कांपने लगे। लेकिन उसने अपने मन को कड़ा कर लिया।
"नेहा, मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं," राज ने कहा।
"हां बोलो," नेहा मुस्कुराई।
राज ने नेहा को खाई के किनारे ले जाना शुरू किया। "देखो यहां कितना सुंदर नजारा है।"
नेहा खाई के किनारे खड़ी हो गई। नीचे बहुत गहराई थी। अंधेरा था। ठंडी हवा चल रही थी।
राज उसके पीछे आया। उसके हाथ कांप रहे थे। उसके दिल की धड़कनें तेज हो गई थीं।
"राज, तुम ठीक तो हो?" नेहा ने पीछे मुड़कर देखा।
और उसी पल राज ने नेहा को जोर से धक्का दे दिया।
नेहा की चीख पहाड़ों में गूंज गई। वो खाई में गिर गई।
राज ने नीचे झांककर देखा। अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था। बस नेहा की आखिरी चीख उसके कानों में गूंज रही थी।
राज भागकर अपनी गाड़ी में बैठा और वहां से चला गया।
पुलिस की जांच लापता हुई लड़की
अगले दिन नेहा के घर में हड़कंप मच गया। नेहा घर नहीं लौटी थी। उसके फोन की घंटी बज रही थी लेकिन कोई उठा नहीं रहा था।
नेहा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने नेहा को खोजना शुरू किया।
राज से भी पुलिस ने पूछताछ की। राज ने कहा, "मुझे नहीं पता वो कहां गई। उसने मुझे कल फोन किया था कि वो अपनी सहेली से मिलने जा रही है।"
पुलिस ने नेहा की सहेलियों से पूछा। किसी को कुछ पता नहीं था।
तीन दिन बाद नेहा की लाश खाई में मिली। पूरी लाश टूट चुकी थी। चेहरा पहचाना नहीं जा रहा था। पुलिस ने कपड़ों से पहचान की।
पुलिस ने इसे दुर्घटना मान लिया। शायद नेहा रात को अकेले वहां गई थी और गिर गई।
नेहा के घर में मातम छा गया। उसके माता-पिता रोते रहे। उनकी इकलौती बेटी चली गई थी।
राज भी नेहा के घर गया। उसने रोना शुरू कर दिया। सबने सोचा कि राज को भी नेहा से बहुत प्यार था।
लेकिन अंदर ही अंदर राज खुश था। उसकी समस्या हल हो गई थी।
घर लौटने के बाद शुरू हुआ असली डर
नेहा की मौत के बाद राज अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गया। उसके घरवालों ने कहा, "अच्छा हुआ वो लड़की चली गई। अब तुम शांति से रह सकते हो।"
राज ने भी सोचा कि अब सब कुछ ठीक हो जाएगा।
लेकिन जिस रात राज अपने कमरे में सोने गया, उसकी जिंदगी का सबसे बुरा दौर शुरू हो गया।
रात के बारह बजे राज गहरी नींद में था। अचानक उसे ठंड महसूस हुई। ऐसी ठंड जैसे कमरे का तापमान शून्य हो गया हो।
राज की नींद खुली। उसने आंखें खोलीं।
और फिर उसकी सांसें रुक गईं।
कमरे के कोने में नेहा खड़ी थी।
उसके कपड़े फटे हुए थे। खून से सने थे। उसके बाल बिखरे हुए थे। उसका चेहरा टूटा हुआ था। उसकी एक आंख बाहर निकली हुई थी।
लेकिन सबसे डरावनी बात यह थी कि वो राज को देख रही थी। उसकी एक आंख सीधे राज पर टिकी थी।
राज चीखना चाहता था लेकिन उसकी आवाज नहीं निकली। वो हिलना चाहता था लेकिन उसका शरीर जम गया था।
नेहा धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगी। उसके पैर जमीन को छू नहीं रहे थे। वो हवा में चल रही थी।
वो राज के पास आई। उसने अपना ठंडा हाथ राज के चेहरे पर रखा।
राज को ऐसा लगा जैसे बर्फ उसके चेहरे पर लगा दी गई हो।
नेहा ने अपने टूटे हुए होंठों से कहा, "तुमने मुझे धक्का दिया था राज। तुमने मुझे मार दिया।"
राज की चीख निकल गई। वो बिस्तर से गिर पड़ा।
जब उसने दोबारा देखा तो वहां कोई नहीं था। कमरा खाली था।
राज की सांसें तेज चल रही थीं। उसके पूरे शरीर में पसीना था।
"यह सपना था। बस एक सपना था," राज ने खुद को समझाया।
लेकिन यह सपना नहीं था। यह सिर्फ शुरुआत थी।
हर रात आने लगा नेहा का भूत
अगली रात फिर वही हुआ। बारह बजे नेहा फिर आई। इस बार वो और भी डरावनी लग रही थी। उसके शरीर से खून टपक रहा था।
उसने राज के कान में फुसफुसाया, "तुमने मुझे क्यों मारा राज? मैं तो तुमसे इतना प्यार करती थी।"
राज रोने लगा। "मुझे माफ कर दो नेहा! मैं गलती कर गया!"
लेकिन नेहा गायब हो गई।
तीसरी रात नेहा फिर आई। इस बार उसने राज का गला पकड़ लिया। राज की सांसें रुकने लगीं। उसे लगा वो मर जाएगा।
तभी मुर्गे की बांग सुनाई दी। सुबह होने वाली थी। नेहा गायब हो गई।
राज हांफ रहा था। उसके गले पर नीले निशान थे।
राज समझ गया कि यह कोई सपना नहीं है। नेहा सच में आ रही है। उसका भूत उसे सता रहा है।
राज अब रात को सोने से डरने लगा। वो पूरी रात जागता रहता। लेकिन बारह बजे जब नेहा आती, तो राज की आंखें अपने आप बंद हो जातीं। वो हिल नहीं पाता था।
नेहा हर रात उसे सताती। कभी उसका गला दबाती। कभी उसके चेहरे पर खरोंच मारती। कभी उसके कानों में चीखती।
राज की हालत खराब होने लगी। उसका वजन कम हो गया। उसकी आंखों के नीचे काले घेरे पड़ गए। वो पागल जैसा दिखने लगा।
घरवालों को शक और राज की बिगड़ती हालत
राज के माता-पिता ने उसकी हालत देखी। उसकी मां ने पूछा, "बेटा, तुम ठीक तो हो? तुम इतने कमजोर क्यों हो गए हो?"
राज कुछ नहीं बोला। वो क्या बताता? कि हर रात उसकी मरी हुई प्रेमिका का भूत उसे सताने आता है?
उसके पिता ने कहा, "शायद तुम उस लड़की को याद कर रहे हो। घबराओ मत, समय के साथ सब ठीक हो जाएगा।"
लेकिन समय के साथ कुछ भी ठीक नहीं हुआ। बल्कि और बुरा होता गया।
नेहा अब सिर्फ रात को ही नहीं, दिन में भी दिखने लगी। राज जब भी शीशे में देखता, तो नेहा उसके पीछे खड़ी दिखती। जब वो खाना खाता, तो नेहा उसके सामने बैठी दिखती।
राज ने अपने दोस्तों को बताया। "यार, मुझे नेहा दिख रही है। वो मुझे सता रही है।"
दोस्तों ने कहा, "तू पागल हो गया है क्या? भूत-वूत कुछ नहीं होता। तू डॉक्टर को दिखा।"
राज डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने कहा, "तुम्हें तनाव है। नींद की गोलियां लो। सब ठीक हो जाएगा।"
लेकिन गोलियां भी काम नहीं आईं। नेहा तो आती ही रही।
एक रात नेहा ने राज से कहा, "तुम भाग नहीं सकते राज। तुमने मुझे मारा है। अब तुम्हें भी मरना पड़ेगा।"
राज रोने लगा। "मुझे माफ कर दो नेहा! मुझसे गलती हो गई। मैं पागल हो गया था। प्लीज मुझे छोड़ दो।"
नेहा ने कहा, "तुमने मुझसे प्यार का नाटक किया। मुझे भरोसा दिलाया। और फिर मुझे मार दिया। क्या मैं तुम्हें छोड़ सकती हूं?"
बचने की कोशिश और बढ़ता डर
राज ने बचने की कोशिश की। उसने अपना कमरा बदला। लेकिन नेहा वहां भी आ गई।
उसने पंडितों को बुलाया। उन्होंने पूजा-पाठ किया। यंत्र-मंत्र दिए। लेकिन कुछ काम नहीं आया।
राज ने एक तांत्रिक को बुलाया। तांत्रिक ने घर में झाड़-फूंक की। राख छिड़की। कवच दिए।
उस रात नेहा और गुस्से में आई। उसने राज को इतना मारा कि राज की पसलियां टूट गईं। राज अस्पताल में भर्ती हो गया।
अस्पताल में भी नेहा आई। वो राज के बिस्तर के पास खड़ी होती और घूरती रहती।
राज ने सोचा कि वो शहर छोड़ देगा। शायद नेहा वहां नहीं आएगी।
वो दूसरे शहर चला गया। लेकिन पहली रात को ही नेहा वहां भी पहुंच गई।
नेहा ने कहा, "तुम कहीं भी जाओ, मैं तुम्हारे साथ रहूंगी। तुमने मुझे मारा है। अब मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी।"
राज समझ गया कि भागने का कोई फायदा नहीं है।
टूटा हुआ राज और सच उगलने का फैसला
राज की हालत देखकर उसके माता-पिता भी परेशान हो गए। उनका बेटा पूरी तरह टूट चुका था।
एक दिन राज अपने पिता के पास गया। उसकी आंखों में आंसू थे। उसने कहा, "पापा, मुझे माफ कर दो। मैंने बहुत बड़ी गलती की है।"
उसके पिता ने पूछा, "क्या गलती?"
राज ने सब कुछ बता दिया। कैसे उसने नेहा को मारा था। कैसे अब नेहा का भूत उसे सता रहा है।
उसके पिता को यकीन नहीं हुआ। "तुम पागल हो गए हो। भूत-वूत कुछ नहीं होता।"
राज चीखा, "मैं पागल नहीं हूं! नेहा सच में आती है! वो मुझे मार डालेगी!"
उसकी मां रोने लगी। "तुमने यह क्या कर दिया बेटा? एक मासूम लड़की को मार दिया?"
राज के पिता ने कहा, "अगर तुमने सच में ऐसा किया है तो फिर तो तुम्हें पुलिस के पास जाना चाहिए।"
राज डर गया। "नहीं पापा, पुलिस मुझे जेल में डाल देगी।"
"तो क्या करूं मैं? तुमने एक जान ली है। तुम्हें सजा तो मिलनी ही चाहिए।"
राज समझ गया कि अब उसके पास कोई रास्ता नहीं बचा है।
उस रात नेहा फिर आई। राज ने उससे कहा, "नेहा, मैं पुलिस के पास जाऊंगा। मैं सब सच बता दूंगा। बस तुम मुझे सताना बंद कर दो।"
नेहा ने कहा, "नहीं राज। बहुत देर हो चुकी है। तुम्हें अब मेरे साथ चलना होगा।"
आखिरी रात और नेहा का आखिरी हमला
उस रात राज को नींद नहीं आई। वो जानता था कि नेहा कुछ करने वाली है।
बारह बजे नेहा आई। लेकिन इस बार वो पहले से अलग थी। उसका पूरा शरीर काला हो चुका था। उसकी आंखें लाल थीं। उसके मुंह से खून निकल रहा था।
नेहा ने कहा, "आज तुम्हारी आखिरी रात है राज।"
राज घुटनों पर बैठ गया। "प्लीज नेहा, मुझे माफ कर दो। मैं तुमसे सच में प्यार करता था।"
नेहा ने कहा, "झूठ! अगर प्यार करते तो मुझे नहीं मारते। तुमने सिर्फ अपने बारे में सोचा। अपने आराम के बारे में सोचा।"
राज रोने लगा। "मैं जानता हूं मैंने गलती की। लेकिन मुझे एक मौका दो। मैं पुलिस के पास जाऊंगा। मैं सजा भुगतूंगा।"
नेहा ने कहा, "तुम्हें इंसानी सजा से क्या फर्क पड़ेगा? तुम्हें तो मेरी सजा चाहिए।"
नेहा ने राज का गला पकड़ लिया। राज की सांसें रुकने लगीं। उसकी आंखें बाहर निकलने लगीं।
तभी अचानक नेहा ने राज को छोड़ दिया।
राज हांफने लगा।
नेहा ने कहा, "मैं तुम्हें इतनी आसानी से नहीं मारूंगी। तुम्हें जीते जी नरक दिखाऊंगी। हर दिन, हर रात। तुम मरना चाहोगे लेकिन मर नहीं पाओगे।"
और नेहा गायब हो गई।
पांच साल बाद - राज की बर्बाद जिंदगी
आज राज जिंदा है। लेकिन उसकी जिंदगी जिंदगी नहीं, नरक है।
वो पागलखाने में भर्ती है। डॉक्टर कहते हैं उसे मानसिक बीमारी है। लेकिन राज जानता है कि यह कोई बीमारी नहीं है।
नेहा आज भी उसके पास आती है। हर रात। हर दिन। कभी उसे मारती है। कभी उसे डराती है। कभी उसके कान में चीखती है।
राज ने कई बार आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन हर बार बच जाता है। जैसे नेहा उसे मरने नहीं देना चाहती।
राज के माता-पिता ने उससे नाता तोड़ लिया है। उनका बेटा एक कातिल है। एक पागल है।
पुलिस ने जांच की थी। लेकिन सबूत न होने की वजह से केस बंद हो गया।
लेकिन राज को सजा तो मिल ही गई। नेहा की सजा।
राज आज भी पागलखाने की उस कोठरी में बैठा रहता है, चीखता रहता है, चिल्लाता रहता है।
⭐ क्या राज जैसे लड़कों के साथ ऐसा ही होना चाहिए?
राज जैसे लड़के—जो किसी लड़की की भावनाओं से खेलते हैं, उसका भरोसा तोड़ते हैं, या गुस्से में उसकी ज़िंदगी तक बर्बाद कर देते हैं—अक्सर अपने अंजाम से नहीं बच पाते। नेहा की आत्मा सिर्फ एक बदला नहीं थी, बल्कि उन सभी दर्द और ख़ामोश चीखों का रूप थी जिनकी आवाज़ कभी दुनिया तक नहीं पहुंच पाती।
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❓ आज के सवाल - जवाब
Q1. क्या किसी के जाने के बाद उसकी यादें सच में डराने लगती हैं?
A: हाँ, जब पछतावा ज़्यादा हो जाए तो यादें भी डर का रूप ले लेती हैं।
Q2. क्या किसी की सच्ची दुआ या बददुआ सच में असर करती है?
A: हाँ, लोग कहते हैं कि दिल से निकली दुआ और दर्द से निकली बददुआ दोनों असर करती हैं।
Q3. क्या प्यार में की गई गलतियाँ इंसान को ज़िंदगीभर सताती हैं?
A: बिल्कुल, कुछ गलती ऐसी होती हैं जो कभी पीछा नहीं छोड़तीं—जैसे राज की कहानी दिखाती है।
Q4. क्या आपने भी कभी किसी से सच्चा प्यार किया है?
A: नीचे comment करके जरूर बताए।
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