इंस्टाग्राम प्रेम कहानी - सोशल मीडिया से शादी तक
इंस्टाग्राम प्रेम कहानी - सोशल मीडिया से शादी तक
पहला संदेश
अनिका के फोन में नोटिफिकेशन आई - "रोहित_शर्मा_02 ने आपको फॉलो किया है।" उसने प्रोफाइल खोली तो एक सुंदर सा लड़का दिखा। पांच सौ फॉलोअर्स, अच्छी तस्वीरें, बायो में लिखा था "सिविल इंजीनियर | मुंबई | Dog Lover"
दो दिन बाद संदेश आया: "नमस्ते! आपकी कविता वाली कहानी देखी, बहुत अच्छी लगी। आप भी लिखते हैं?"
अनिका ने सोचा - जवाब दूं या नजरअंदाज करूं? इंस्टाग्राम पर तो हजारों लड़के संदेश भेजते हैं। लेकिन यह संदेश अलग था। इसमें कोई फ्लर्टिंग नहीं थी, बस एक सच्ची जिज्ञासा दिख रही थी।
अनिका दिल्ली की रहने वाली थी और एमए हिंदी की पढ़ाई कर रही थी। उसका इंस्टाग्राम अकाउंट छोटा था - केवल दो सौ फॉलोअर्स। वो अपनी कविताएं और छोटी कहानियां पोस्ट करती थी।
शाम को उसने जवाब दिया: "धन्यवाद! हां, मैं कविताएं लिखती हूं। आपको कैसे पता चला मेरे बारे में?"
दूसरा कदम
रोहित का तुरंत जवाब आया: "मैं हिंदी साहित्य के पन्ने फॉलो करता हूं। वहीं से आपका पेज मिला। आपकी 'बारिश में भीगते सपने' वाली कविता बहुत दिल छू गई।"
अनिका को अच्छा लगा। कम से कम यह लड़का उसकी लिखी हुई चीजें पढ़ता था। आजकल के लड़के तो बस तस्वीरें देखकर लाइक कर देते हैं।
"आप क्या करते हैं?" अनिका ने पूछा।
"मैं मुंबई में कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करता हूं। बिल्डिंग बनाता हूं, आप सपने बनाती हैं।" रोहित ने मजाकिया जवाब दिया।
अनिका मुस्करा दी। यह लड़का दिलचस्प था।
बातचीत की शुरुआत
अगले तीन दिनों तक उनकी बातचीत चलती रही। रोहित ने बताया कि वो गुजरात के एक छोटे शहर से आया है और मुंबई में अकेले रहता है। अनिका ने बताया कि उसका सपना है कि वो एक दिन अपनी किताब छपवाए।
"तुम्हारी आवाज कैसी है?" रोहित ने एक दिन पूछा।
"क्यों?" अनिका ने जवाब दिया।
"बस यूं ही। मैं सोचता हूं कि जो इतनी सुंदर कविताएं लिखती है, उसकी आवाज कैसी होगी।"
अनिका के दिल की धड़कन तेज हो गई। कोई पहली बार उसकी लेखनी की तारीफ कर रहा था।
"वॉयस मैसेज भेजूं?" अनिका ने हिम्मत जुटाकर पूछा।
"हां, जरूर!"
पहली आवाज
अनिका ने अपनी आवाज में एक छोटी सी कविता रिकॉर्ड की:
"दूरियों के इस जमाने में,
एक आवाज की तलाश है,
जो दिल से दिल तक पहुंच जाए,
बस ऐसी ही एक आस है।"
रोहित ने सुनकर तुरंत जवाब दिया: "वाह! तुम्हारी आवाज तो तुम्हारी कविताओं जितनी ही सुंदर है।"
फिर रोहित ने भी अपना वॉयस मैसेज भेजा। उसकी आवाज में एक अलग सा जादू था - न ज्यादा भारी, न ज्यादा हल्की।
"मैं कविताएं नहीं लिख सकता, लेकिन तुम्हारी कविताओं को सुनने का शौकीन जरूर हूं।" रोहित ने कहा।
महीने भर की बातें
एक महीना बीत गया। रोजाना वॉयस मैसेज का सिलसिला चल रहा था। सुबह अनिका का "गुड मॉर्निंग" आता और रात को रोहित का "गुड नाइट"।
दोनों ने अपनी जिंदगी के छोटे-बड़े सभी किस्से एक दूसरे को बताए। अनिका को पता चला कि रोहित का परिवार छोटा है - मां-बाप और एक बहन। रोहित को पता चला कि अनिका के पापा गवर्नमेंट जॉब में हैं और वो एकलौती संतान है।
"तुम्हारा मन करता है कभी मिलने का?" रोहित ने एक दिन पूछा।
अनिका का दिल जोर से धड़का। वो भी यही सोच रही थी, लेकिन कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी।
"हां, बहुत मन करता है।" अनिका ने सच्चाई से जवाब दिया।
पहली मुलाकात का फैसला
"मैं दिल्ली आ सकता हूं अगले महीने। ऑफिस का कुछ काम है वहां।" रोहित ने बताया।
अनिका के दिल में खुशी और डर दोनों था। खुशी यह कि आखिर वो रोहित से मिल पाएगी। डर यह कि कहीं वो वैसा न हो जैसा वो सोचती है।
"ठीक है, लेकिन कोई पब्लिक प्लेस में मिलेंगे।" अनिका ने शर्त रखी।
"बिल्कुल। तुम्हें जहां कंफर्टेबल लगे।" रोहित ने तुरंत शर्त मान लि।
दोनों ने तय किया कि वो कनॉट प्लेस के एक कैफे में मिलेंगे। अनिका ने अपनी सहेली को भी साथ रखने का फैसला किया।
पहली मुलाकात
तय दिन आ गया। अनिका ने अपनी सबसे अच्छी साड़ी पहनी और तैयार हो गई। दिल में तितलियां उड़ रही थीं।
कैफे में पहुंचकर अनिका ने इधर-उधर देखा। रोहित ने कहा था कि वो नीली शर्ट पहनकर आएगा।
तभी किसी ने कंधे पर हाथ रखा। "अनिका?"
अनिका ने पीछे मुड़कर देखा तो सामने रोहित खड़ा था। तस्वीरों से भी ज्यादा सुंदर लग रहा था। कद अच्छा, चेहरा साफ और आंखों में एक अलग सी चमक।
"हां, मैं अनिका हूं।" अनिका ने शरमाते हुए कहा।
"वाह! तुम तो तस्वीरों से भी ज्यादा सुंदर हो।" रोहित ने मुस्कराते हुए कहा।
दोनों बैठकर बातें करने लगे। पहले थोड़ी झिझक थी, लेकिन धीरे-धीरे माहौल सामान्य हो गया।
दोस्ती से मोहब्बत
दो घंटे की मुलाकात में दोनों को लगा कि वो सालों से एक दूसरे को जानते हैं। रोहित वैसा ही निकला जैसा अनिका ने सोचा था - सीधा, सच्चा और दिल से अच्छा।
"अगली बार कब मिलेंगे?" रोहित ने पूछा।
"पता नहीं, देखते हैं।" अनिका ने कहा, लेकिन दिल में वो भी चाहती थी कि जल्दी मिलें।
घर जाकर अनिका ने रोहित को मैसेज किया: "आज बहुत अच्छा लगा तुमसे मिलकर। तुम वैसे ही हो जैसा मैंने सोचा था।"
"मुझे भी बहुत अच्छा लगा। तुम्हारी हंसी तो और भी प्यारी है असल में।" रोहित ने जवाब दिया।
रिश्ते की गहराई
अगले तीन महीनों में रोहित तीन बार दिल्ली आया। हर बार मिलना पहले से ज्यादा खुशगवार होता जा रहा था। दोनों को अहसास हो गया था कि ये दोस्ती अब कुछ और में बदल रही है।
एक दिन रोहित ने कहा: "अनिका, मुझे तुमसे कुछ कहना है।"
"हां, कहो।"
"मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं। मैं जानता हूं कि ये अचानक लग रहा होगा, लेकिन मैं अपने दिल की बात छुपा नहीं सकता।"
अनिका चुप रह गई। वो भी यही महसूस कर रही थी, लेकिन कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी।
"मुझे कुछ वक्त चाहिए सोचने के लिए।" अनिका ने कहा।
फैसले का समय
एक हफ्ते बाद अनिका ने जवाब दिया। उसने एक लंबा वॉयस मैसेज भेजा:
"रोहित, मैंने बहुत सोचा है। मैं भी तुमसे प्यार करती हूं। लेकिन हमारे बीच बहुत सी चुनौतियां हैं। तुम मुंबई में हो, मैं दिल्ली में। दोनों के करियर अलग हैं। फिर घरवाले भी मान जाएंगे या नहीं, पता नहीं।"
रोहित ने तुरंत फोन किया: "अनिका, अगर प्यार सच्चा है तो सब कुछ हो सकता है। हम मिलकर इन सब चुनौतियों का सामना करेंगे।"
घरवालों से मिलवाना
छह महीने बाद रोहित ने अनिका के घर जाकर उसके माता-पिता से मिलने का फैसला किया। अनिका ने पहले से ही घरवालों को रोहित के बारे में बताया था।
"बेटा रोहित, तुम अच्छे लग रहे हो। लेकिन शादी कोई मजाक नहीं है। दोनों को एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने के लिए तैयार रहना होगा।" अनिका के पापा ने समझाया।
"अंकल, मैं अनिका से बहुत प्यार करता हूं। मैं उसकी खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हूं।" रोहित ने सच्चाई से कहा।
अनिका की मां को रोहित का व्यवहार अच्छा लगा। "लड़का अच्छा लगता है। लेकिन इसके घरवालों से भी मिलना होगा।"
दोनों परिवारों की मुलाकात
दो महीने बाद रोहित के माता-पिता दिल्ली आए। दोनों परिवारों की बैठक हुई। शुरू में थोड़ी झिझक थी, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो गया।
"हमारे बेटे ने अनिका के बारे में बहुत कुछ बताया है। लड़की बहुत समझदार लगती है।" रोहित की मां ने कहा।
"रोहित भी बहुत अच्छा लड़का है। हमें कोई आपत्ति नहीं है।" अनिका के पापा ने जवाब दिया।
दोनों परिवारों ने शादी के लिए हामी भर दी।
सगाई की तैयारी
तीन महीने बाद सगाई का दिन तय हो गया। अनिका और रोहित दोनों बहुत खुश थे। डेढ़ साल पहले इंस्टाग्राम पर आए एक संदेश ने उनकी जिंदगी बदल दी थी।
सगाई के दिन अनिका ने एक सुंदर सा लहंगा पहना था। रोहित शेरवानी में बहुत सुंदर लग रहा था।
"क्या सोचा था कि एक डीएम हमारी जिंदगी बदल देगा?" रोहित ने अनिका से कहा।
"पता नहीं था कि सोशल मीडिया से भी सच्चा प्यार मिल सकता है।" अनिका ने मुस्कराते हुए जवाब दिया।
शादी की तैयारी
सगाई के छह महीने बाद शादी का दिन आ गया। दोनों ने तय किया था कि शादी के बाद अनिका मुंबई चली जाएगी। अनिका को मुंबई में एक प्रकाशन गृह में काम मिल गया था।
शादी बहुत धूमधाम से हुई। दोनों परिवार बहुत खुश थे। अनिका और रोहित का प्यार देखकर सभी रिश्तेदार भी खुश थे।
"आज से तुम मेरी हो और मैं तुम्हारा।" रोहित ने फेरों के दौरान अनिका से कहा।
"हमेशा के लिए।" अनिका ने जवाब दिया।
नई जिंदगी की शुरुआत
शादी के बाद अनिका मुंबई चली गई। शुरू के दिन थोड़े मुश्किल थे क्योंकि नया शहर और नया घर था। लेकिन रोहित का साथ मिला तो सब आसान हो गया।
"तुम्हारे बिना मुंबई में अकेला महसूस करता था। अब लगता है कि घर आ गया।" रोहित ने कहा।
अनिका की नई जॉब भी अच्छी चल रही थी। उसे अपनी पहली किताब छपवाने का मौका मिल गया था।
"तुम्हारा सपना पूरा हो रहा है।" रोहित ने खुशी से कहा।
"हमारे सपने पूरे हो रहे हैं।" अनिका ने सुधार किया।
एक साल बाद
शादी के एक साल बाद अनिका की पहली किताब छप गई। उसने उस किताब की पहली कॉपी रोहित को दी।
"यह किताब तुम्हारे नाम।" अनिका ने किताब पर लिखा था - "रोहित के नाम, जिसने मुझे सिखाया कि प्यार कहीं से भी आ सकता है।"
रोहित की आंखों में आंसू आ गए। "तुमने मुझे दुनिया का सबसे बड़ा तोहफा दिया है।"
दोनों ने अपनी पहली शादी की सालगिरह मनाई। उसी कैफे में गए जहां पहली बार मिले थे।
आज की कहानी
आज अनिका और रोहित की शादी को पांच साल हो गए हैं। उनके दो छोटे बच्चे हैं। अनिका अब एक प्रसिद्ध लेखिका है और रोहित की अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी है।
दोनों अक्सर अपनी प्रेम कहानी सुनाते हैं और लोग हैरान हो जाते हैं कि इंस्टाग्राम से शुरू हुआ रिश्ता इतना खुशहाल कैसे हो सकता है।
"लोग कहते हैं कि सोशल मीडिया से सिर्फ गलत रिश्ते बनते हैं। हमने साबित कर दिया कि अगर दिल साफ हो तो कहीं से भी सच्चा प्यार मिल सकता है।" अनिका कहती है।
रोहित हमेशा कहता है: "सबसे अच्छी बात ये थी कि हमने पहले एक दूसरे को दोस्त के रूप में जाना। फिर प्यार हुआ। इसलिए आज भी हम सबसे अच्छे दोस्त हैं।"
समापन
अनिका और रोहित की कहानी सिखाती है कि प्यार कहीं से भी आ सकता है। जरूरी बात ये है कि दिल में सच्चाई हो और इरादे नेक हों। आज के जमाने में सोशल मीडिया से बहुत से गलत रिश्ते बनते हैं, लेकिन अनिका और रोहित ने साबित किया कि अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो सोशल मीडिया भी खुशियों का जरिया बन सकता है।
आज भी जब अनिका इंस्टाग्राम खोलती है तो वो पहला संदेश सेव करके रखा है: "नमस्ते! आपकी कविता वाली कहानी देखी, बहुत अच्छी लगी।"
वो संदेश उसकी जिंदगी बदल गया। कभी-कभी छोटी सी शुरुआत बड़ी खुशियों का कारण बन जाती है।
---
पाठकों के लिए संदेश
क्या आपकी भी कोई ऐसी प्रेम कहानी है जो सोशल मीडिया से शुरू हुई हो? या फिर आपने कभी किसी अनजान व्यक्ति के संदेश का जवाब देकर अपनी जिंदगी बदली है? अपनी कहानी हमारे साथ साझा करें।
कहानी से सीख
आज के जमाने में प्यार के नए तरीके हैं, लेकिन सच्चाई और ईमानदारी आज भी सबसे जरूरी है। अगर यह कहानी आपको पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें। हो सकता है किसी को प्रेरणा मिल जाए कि सच्चे प्यार का इंतजार करना चाहिए।
ऐसी ही कुछ और मजेदार कहानियां, जरूर पढ़े 👇
प्यार की कहानियां 👇
भूत की कहानियां 👇
📸 हमें फॉलो करना ना भूलें 👇



टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
कहानी कैसी लगी?
आपके प्यार भरे comments का इंतज़ार है! 💕