वो आख़िरी मुलाकात – Emotional Love Story in Hindi
वो आख़िरी मुलाकात – Emotional Love Story in Hindi
“वो आख़िरी मुलाकात” एक emotional love story है — जहाँ कॉलेज का प्यार अधूरा रह गया, पर एहसास हमेशा ज़िंदा रहे। पढ़ो एक ऐसी प्रेम कहानी, जो आपके दिल को छूकर चली जाएगी… 💔
शायद ज़िन्दगी में कुछ लोग हमसे मिलने के लिए बनाए जाते हैं... लेकिन साथ रहने के लिए नहीं।
आरव और सिया की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी।
कॉलेज के पहले दिन जब आरव ने उसे देखा था — सफ़ेद दुपट्टा, बालों को छूती हल्की हवा, और आँखों में वो मासूमियत... आरव बस देखता ही रह गया। उस पल उसे लगा जैसे दुनिया थम सी गई हो।
धीरे-धीरे वो दोस्त बने। कैंटीन की कॉफ़ी, लाइब्रेरी की बातें, और क्लास bunk करके बारिश में भीगना — हर एक याद जैसे ज़िन्दगी की डायरी में लिखती चली गई।
सिया हमेशा कहती थी —
"आरव, अगर मैं कभी ना रहूँ, तो तू मुझे याद तो करेगा न?"
आरव हँसकर कहता —
"पागल है क्या तू? मैं तुझे खो ही नहीं सकता!"
लेकिन वक्त... किसी का नहीं होता।
कॉलेज खत्म हुआ, सिया के घर वाले उसकी शादी कहीं और तय कर चुके थे। आरव ने बहुत कोशिश की, लेकिन हालात उसके बस में नहीं थे।
आखिरी दिन, सिया स्टेशन पर थी। बारिश हो रही थी। उसने आरव को देखा — आँखों में हजारों सवाल, होंठों पर हल्की मुस्कान।
"आरव, तू मेरी ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है... बस इतना याद रखना।"
ट्रेन चली गई... और उसके साथ वो भी।
आरव वहीं खड़ा रह गया — भीगी आँखों से, उस खाली ट्रैक को देखते हुए, जहाँ अब सिर्फ बारिश की बूँदें थीं और एक अधूरी कहानी।
वक़्त बीत गया।
सालों बाद आरव एक कॉफ़ी शॉप में बैठा था। उसने देखा — सामने एक छोटी सी लड़की अपनी माँ का हाथ पकड़े अंदर आई।
वो सिया थी। वही मुस्कान, वही आँखें... बस अब उसके साथ एक छोटी सी ज़िन्दगी थी।
उन्होंने एक-दूसरे को देखा, बस चुपचाप। कोई बात नहीं हुई, लेकिन आँखों ने सब कह दिया —
"हम अधूरे नहीं थे... बस मुकम्मल नहीं हो पाए।"
आरव उठा, मुस्कुराया, और चला गया...
पीछे बस एक कॉफ़ी का कप रह गया — जिस पर लिखा था,
"कुछ प्रेम कहानियां कभी खत्म नहीं होतीं, बस उनका रास्ता बदल जाता है।"
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कहानी से सीख
“वो आख़िरी मुलाकात” हमें सिखाती है कि हर रिश्ता हमेशा साथ रहने के लिए नहीं होता — कुछ लोग सिर्फ हमें प्यार का असली मतलब सिखाने के लिए हमारी ज़िन्दगी में आते हैं।
कभी-कभी जुदाई भी मोहब्बत का एक हिस्सा होती है, जो हमें मजबूत बनाती है और यादों को और भी कीमती कर देती है।
आरव और सिया की कहानी याद दिलाती है कि सच्चा प्यार वही है जो मिलने से नहीं, एहसास से ज़िंदा रहता है।
क्योंकि कुछ कहानियाँ ख़त्म नहीं होतीं —
बस उनका रास्ता बदल जाता है... 💔
पाठकों से निवेदन
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