शादी का कार्ड: अधूरी मोहब्बत की पूरी कहानी
"बरसों बाद मिला शादी का कार्ड: जब यादें बन जाती हैं सबसे बड़ा दर्द" रात का सन्नाटा गहराता जा रहा था। बाहर हवा तेज़ चल रही थी और खिड़की पर लगे परदे बार-बार हिल रहे थे। माया अपने कमरे में बैठी थी। मेज़ पर बिखरे कुछ पुराने खत, तस्वीरें और एक सुनहरी लिफ़ाफा रखा था। वही लिफ़ाफा जिसने उसके दिल को अचानक झकझोर दिया था। वह लिफ़ाफा था “शादी का कार्ड”—और जिस पर लिखा हुआ नाम था, वही नाम जिसने उसकी ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत और सबसे दर्दनाक लम्हे दिए थे—आदित्य। --- 🌸 पहला मिलन माया और आदित्य की कहानी कॉलेज से शुरू हुई थी। माया हमेशा चुपचाप रहने वाली लड़की थी। किताबों और अपनी डायरी में लिखे ख़्वाबों की दुनिया में ही उसका मन बसता था। दूसरी तरफ आदित्य हंसमुख, सबका चहेता और बेहद ज़िंदादिल लड़का था। एक दिन कॉलेज की लाइब्रेरी में दोनों की पहली मुलाक़ात हुई। माया एक किताब ऊँची शेल्फ़ से उतारने की कोशिश कर रही थी। तभी आदित्य ने उसकी मदद की। किताब हाथ में थमाते हुए उसकी मुस्कान ने माया का दिल छू लिया। उस दिन के बाद से उनकी बातें बढ़ने लगीं। धीरे-धीरे दोस्ती हुई, और फिर वही दोस्ती कब मोहब्बत में बदल ...