Horror Story - डरावनी रात
डरावनी रात
गहरे रंगों की चादर से ढकी रात आ गई थी। चाँद की रौशनी भी धीरे-धीरे ढल रही थी। एक छोटे से गांव में एक पुराने अजीब मंदिर की ओर से रात की साया फैल रहा था। वह मंदिर अब बंद हो चुका था और उसमें कई वर्षों से भयानक रहस्य छिपे थे।
इस गांव में एक लड़की नीलम रहती थी, जिसका मन विचारों से भरा हुआ था। वह डरावनी कहानियों का शौकीन थी और हमेशा भूत-प्रेत की कहानियों को सुनने के लिए तरसती रहती थी।
एक दिन, जब रात अपनी चरम सुंदरता में थी, नीलम के दिल में डरावनी रात के लिए एक अभियांत्रिकी जगी। वह सोचती थी कि वह रात के आँधेरे में एक डरावनी कहानी खोजेगी।
नीलम ने अपने दोस्त गौरव को भी यात्रा में शामिल करने का फैसला किया। गौरव भी भयानक कहानियों का दीवाना था और रात के आँधेरे में कुछ नया अनुभव करने को तैयार था।
अभियांत्रिकी का जब वक़्त आया, नीलम और गौरव मिलकर उस मंदिर की तरफ चले। मंदिर के बगीचे में काले बढ़न के पेड़ खड़े थे, जो रात के आँधेरे में और भी भयानक लग रहे थे। वे दोनों धीरे-धीरे चलते गए और अंदर चले आए।
मंदिर के अंदर भयानक सन्नाटा छाया हुआ था। वे दोनों जगमगाहट वाले पूजा स्थल की ओर बढ़े, जहां भयानक तापस्या करने वाले सन्यासी के रूप में एक पुराने साधु बेड़े थे। उनकी आंखों में अलौकिक चमक दिख रही थी और उनकी हाँथों में शंख और चक्र जैसी वस्तुएँ थीं।
साधु ने नीलम और गौरव का स्वागत किया और उन्हें विशाल रंगमंच पर बिठा दिया। फिर, वे अपनी भयानक कहानियों से भरी आंखों से एक कहानी सुनाने लगे।
वह कहानी एक पुराने महल की थी, जो एक विशाल जंगल में स्थित था। महल के अंदर राजमहल के रहस्यमयी कमरों में भूत-प्रेत का वास था। रात के अंधेरे में महल के दीवारों से अजीब आवाज़ आती थी और वहां रहने वाले लोग डर कर रहे थे।
एक बार, एक बहुत बड़ी रात को एक विद्वान साधू वहां पहुंचा। उसे बिल्कुल भी डर नहीं था और वह नीलम को भूत-प्रेत के रहस्य के बारे में बताने के लिए तैयार था।
साधू ने बताया कि यह महल एक समय में एक भयानक राजा की रही है जो भूत-प्रेतों के साथ जीवित होता था। राजा के त्याग, लोभ, और अन्य दुष्टता के कारण, उसे एक बार एक भयानक श्राप मिला था।
श्राप के अनुसार, राजा को तब तक मुक्ति नहीं मिलेगी जब तक वह वास्तविक मानसिक शुद्धता और दयालुता से वार्तालाप करके अपनी दुष्टता से पछताए। राजा की आत्मा उस महल में अब भी भटक रही है और भूत-प्रेत उसे बंधन में बांधकर सदा यहां रहते हैं।
नीलम और गौरव ने साधू से धन्यवाद करके महल के बाहर निकले। उनके दिल में एक नया उत्साह और अवेंचर के भाव भर गए। वे दोनों आगे बढ़कर और भयानक रात के रहस्यमयी रोमांच से परिपूर्ण सफलता की राह पर चलने लगे।

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